- तस्करों व भू माफियाओं का नीमच की जनता को लूटने का बडा षडयंत्र आया सामने
- कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी का लगा हुआ है उक्त कॉलोनी में पैसा, जेल जाने के बाद साथी तस्कर मालामाल होने के लिए कॉलोनी काटने की बना रहे है कार्ययोजना
नीमच। नीमच-मनासा रोड गिरदौडा के पास तिरूपति नगर से सटी हुई विवादित जमीन पर कॉलोनी काटकर उंचे दामों में भूखंड बेचकर करोडों रूपए एकठठा करने की योजना बनाई है, जो कि चर्चा का विषय बनी हुई। उक्त जमीन लक्ष्मण नायक पिता रूपाजी नायक और उसके बेटे नरेश पिता लक्ष्मण नायक के नाम से सालों से राजस्व रिकार्ड में चली आ रही थी, सर्वे नंबर 662-2, 674-1, 663-1,662-1 , करीब 20 बीघा जमीन अनिलकुमार आंजना पिता जगदीशचंद्र आंजना निवासी केंसूदा, चंद्रेश पिता मोहनलाल आंजना निवासी बसाड प्रतापगड के नाम से राजस्व रिकार्ड में हाल ही में दर्ज हुई है। उक्त जमीन में कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी का कालाधन लगा हुआ है, जो कि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी ने तस्करी से पैसा कमाया था। बाबू के करीब तीन करोड रूपए से उक्त जमीन खरीदी गई, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की रडार पर उक्त जमीन है। बंशी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर का मास्टरमाईंड सजायाफ्ता पप्पू गुर्जर, बाबू सिंधी का साथी विनोद गुर्जर, सौरभ कोचटटा, जगदीश गुर्जर, शिवचरण गुर्जर आदि बाबू का पैसा बाबू के जेल जाने के बाद पार्टनर बन गए है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो बाबू के साथी विनोद गुर्जर, शिवचरण गुर्जर और सौरभ कोचटटा की तलाश में जुटी हुई है, जो कि फरार चल रहे है। विनोद गुर्जर, जगदीश गुर्जर, सौरभ कोचटटा, शिवचरण गुर्जर सभी बाबू से जुडे हुए थे और कॉल डिटेल्स से लेकर कई प्रमाण इनके कनेक्शन के सामने आए है, इन्होंने तस्करी से अर्जित पैसे को उपरोक्त जमीन में लगाया और अब कॉलोनी काटने की कार्ययोजना बनाकर नीमच की जनता के साथ बडी धोखाधडी को अंजाम देने वाले है।*
*वर्तमान में अनजान लोगों को झांसे में लेकर भूखंड बेचने में जुट गए है, लेकिन उक्त जमीन में वास्तविक पैसा कुख्यात तस्कर का लगने की भनक अब नीमच के जागरूक लोगों को जैसे-तैसे लग रही है, वैसे-वैसे लोग दूरिया बना रहे है। उक्त जमीन पर कभी भी सफेमा की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि तस्करी के पैसे से उक्त जमीन खरीदी गई है। ऐसे में भूखंड लेने वाले लोग उलझ सकते है।*
*आखिर फटीचर के पास कैसे आए करोडों रूपए- बंशी गुर्जर एनकाउंटर के मास्टरमाइंड पप्पू गुर्जर कई सालों तक जेल की हवा खा चुका है और कोर्ट ने भी दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, पप्पू गुर्जर वर्तमान में जमानत है। बाबू के साथी जगदीश गुर्जर, विनोद गुर्जर, शिवचरण गुर्जर, सौरभ कोचटटा पप्पू के पार्टनर है और बाबू का भी हिस्सा उक्त जमीन पर है। जगदीश गुर्जर, पप्पू गुर्जर, विनोद गुर्जर सभी फटीचर की गिनती में आते है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर इनके पास तीन करोड रूपए कहां से आए। निश्चित ही बाबू का पैसा लगा हुआ है। इन्होंने डमी अनिल आंजना और चंद्रेश आंजना के नाम से रजिस्ट्री करवाई, ताकि पर्दे के पीछे खेल खेल सके, लेकिन इनके कारनामों की पोल खुल गई है। समाचार जनहित में जारी, लोग इन तस्करों और भू माफियाओं के चक्कर में न पडे, ताकि जिंदगी भर की कमाई गई पूंजी ये माफिया चट न कर जाएं। लूटने का बडा षडयंत्र आया सामने
कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी का लगा हुआ है उक्त कॉलोनी में पैसा, जेल जाने के बाद साथी तस्कर मालामाल होने के लिए कॉलोनी काटने की बना रहे है कार्ययोजना
नीमच। नीमच-मनासा रोड गिरदौडा के पास तिरूपति नगर से सटी हुई विवादित जमीन पर कॉलोनी काटकर उंचे दामों में भूखंड बेचकर करोडों रूपए एकठठा करने की योजना बनाई है, जो कि चर्चा का विषय बनी हुई। उक्त जमीन लक्ष्मण नायक पिता रूपाजी नायक और उसके बेटे नरेश पिता लक्ष्मण नायक के नाम से सालों से राजस्व रिकार्ड में चली आ रही थी, सर्वे नंबर 662-2, 674-1, 663-1,662-1 , करीब 20 बीघा जमीन अनिलकुमार आंजना पिता जगदीशचंद्र आंजना निवासी केंसूदा, चंद्रेश पिता मोहनलाल आंजना निवासी बसाड प्रतापगड के नाम से राजस्व रिकार्ड में हाल ही में दर्ज हुई है। उक्त जमीन में कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी का कालाधन लगा हुआ है, जो कि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी ने तस्करी से पैसा कमाया था। बाबू के करीब तीन करोड रूपए से उक्त जमीन खरीदी गई, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की रडार पर उक्त जमीन है। बंशी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर का मास्टरमाईंड सजायाफ्ता पप्पू गुर्जर, बाबू सिंधी का साथी विनोद गुर्जर, सौरभ कोचटटा, जगदीश गुर्जर, शिवचरण गुर्जर आदि बाबू का पैसा बाबू के जेल जाने के बाद पार्टनर बन गए है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो बाबू के साथी विनोद गुर्जर, शिवचरण गुर्जर और सौरभ कोचटटा की तलाश में जुटी हुई है, जो कि फरार चल रहे है। विनोद गुर्जर, जगदीश गुर्जर, सौरभ कोचटटा, शिवचरण गुर्जर सभी बाबू से जुडे हुए थे और कॉल डिटेल्स से लेकर कई प्रमाण इनके कनेक्शन के सामने आए है, इन्होंने तस्करी से अर्जित पैसे को उपरोक्त जमीन में लगाया और अब कॉलोनी काटने की कार्ययोजना बनाकर नीमच की जनता के साथ बडी धोखाधडी को अंजाम देने वाले है।
वर्तमान में अनजान लोगों को झांसे में लेकर भूखंड बेचने में जुट गए है, लेकिन उक्त जमीन में वास्तविक पैसा कुख्यात तस्कर का लगने की भनक अब नीमच के जागरूक लोगों को जैसे-तैसे लग रही है, वैसे-वैसे लोग दूरिया बना रहे है। उक्त जमीन पर कभी भी सफेमा की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि तस्करी के पैसे से उक्त जमीन खरीदी गई है। ऐसे में भूखंड लेने वाले लोग उलझ सकते है।
आखिर फटीचर के पास कैसे आए करोडों रूपए- बंशी गुर्जर एनकाउंटर के मास्टरमाइंड पप्पू गुर्जर कई सालों तक जेल की हवा खा चुका है और कोर्ट ने भी दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, पप्पू गुर्जर वर्तमान में जमानत है। बाबू के साथी जगदीश गुर्जर, विनोद गुर्जर, शिवचरण गुर्जर, सौरभ कोचटटा पप्पू के पार्टनर है और बाबू का भी हिस्सा उक्त जमीन पर है। जगदीश गुर्जर, पप्पू गुर्जर, विनोद गुर्जर सभी फटीचर की गिनती में आते है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर इनके पास तीन करोड रूपए कहां से आए। निश्चित ही बाबू का पैसा लगा हुआ है। इन्होंने डमी अनिल आंजना और चंद्रेश आंजना के नाम से रजिस्ट्री करवाई, ताकि पर्दे के पीछे खेल खेल सके, लेकिन इनके कारनामों की पोल खुल गई है। समाचार जनहित में जारी, लोग इन तस्करों और भू माफियाओं के चक्कर में न पडे, ताकि जिंदगी भर की कमाई गई पंूजी ये माफिया चट न कर जाएं।

