जावद। पैसे के मामले में बहुबली इंदौरी बाबू अपने जनसंपर्क के दौरान समर्थकों की जगह गुंडों की फौज लेकर सुबह से निकल पड़ता है। यहां खुद अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को मुंह तक लगाना पसंद नहीं कर रहा है। शायद अपने एक फिल्म में गाना सुना होगा इंदौर से आया मेरा दोस्त, दोस्त को सलाम करो, शाम को दारू पीयों, सुबह जनसंपर्क के लिए गांव -गांव निकल जाओ। यही नहीं जनता को इंदौरी बाबू की हकीकत छुपी नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए पार्टी के साथ गद्दारी कर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ बैठा था। वहीं हराने के बाद कांग्रेस की सत्ता को पलटने के लिए भाजपा मे जाकर सिंधिंया समर्थक बन बैठा। बता दे इंदौरी बाबू ने कांग्रेस को निपटाने के लिए करोड़ों रुपए में भारी डिमांड की थी। जिसके बाद डिल पक्की हो गई। फिर कांग्रेस को निपटाने और सिंधिया के कहने पर पार्टी में शामिल हो गया। इंदौरी बाबू को जावद के बारे में कोई जानकारी नही है। ओर कहि सुनी बातों पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कमलनाथ की सभा में लिखे हुए भाषण में कमलनाथ को जीत का आश्वासन तक दे डाला।
जिले के जावद विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी समंदर पटेल जावद में शिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में प्रचार कर रहे हैं।जो घर से कमलनाथ की सभा मे भाषण लिख कर लाए थे। और पूरा मियां मिट्ठू की तरह उसे पड़ दिया।इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि जो नेता मंच से अपने मन से भाषण ही नही दे सकता तो जावद को कैसे विकास की राह पर ले जाएगा? और क्या जनता की आवाज को विधानसभा में उठा पायेगा। वैसे भी इस इंदौरी बाबू का जावद विधानसभा में खासा विरोध देखने को मिल रहा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला है। जिसमे बीते दिनों कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर, सत्यनारायण पाटीदार, बालकिशन धाकड़ के नेतृत्व में विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ। जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक सुर में समंदर का विरोध किया और पुतला भी आग के हवाले कर डाला। यह तो गनीमत रही कमलनाथ की के इस विरोध को उन्होंने शांत तो कर दिया। परन्तु समंदर पटेल आज भी कार्यकर्ताओं व जावद की जनता के दिलों में जगह नही बना पाए।

