नीमच-जय पंकज कुमावत और उसका साथी वीरू एएसआई खाकी की आड़ में अवैध मादक पदार्थों की वसूली करते -करते कुख्यात तस्करों के दोस्त बन गए.जिसके बाद दोनों खाकी वर्दी की आड़ में बैखोफ होकर तस्करों के साथ पायलटिंग करने में लग गए.दोनों खाकी वर्दी का फायदा उठाकर पुलिस और नारकोटिक्स विंग की लोकेशन तस्करों तक पहुंचाकर अपने नावबी शौक कुख्यात तस्करों से मौटी रकम लेकर पूरे करते हुए आएं हैं.एक आरक्षक पंकज कुमावत तो उसकी आयश आदात और दिखावा करने के लिए अलग-अलग लग्जरी गाड़ियों में घूमना पार्टी करना इसका शौक बन गया है.तो दूसरा इसके साथ अपनी अहम भूमिका निभाने वाला माना जाएं तो इसका दोस्त जो हर काम में इसके साथ लिप्त रहा है.मंदसौर में कुख्यात तस्करों की कृपा पात्र करोड़ों रूपए की आलीशान दुकानों का मालिक बन बैठा है.एक बड़े वरीष्ठ अधिकारियों के इतने रूपए और शौक नही होंगे जितने इस एएसआई के है.इसका नवाबी शौक देखकर लोग दंग रह जाते हैं. सूत्रों की मानी जाए तो कम समय में करोड़ों का आसामी एएसआई बन बैठा है.और इन दोनों ने खाकी को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.नीमच ईमानदार एसपी सुरज कुमार वर्मा ने जिले का पदभार संभालते ही दोनों का जिले का बाहर ताबदला कर दिया मगर दोस्ती की कसम कहने वाला एएसआई पंकज कुमावत और कुख्यात तस्कर जैसे दोस्त को बचाने में लग गया है.अगर वरिष्ठ अधिकारी इस एएसआई की कॉल डिटेल्स और लगातार लोकेशन प्रोपटी की निष्पक्ष जांच करे तो कई बड़े खुलासे हो सकते है।

