नीमच-केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम की कार्रवाई के बाद बाबू सिंधी के एक के बाद एक पर्ते खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं, ऐसे ही हाल में मीनाक्षी ढाबे पर जुएं सट्टे शराब के साथ- साथ ढाबा संचालित करने वाला जसवंत अवैध मदाक प्रदार्थो कि तस्करी में लिप्त हो चुका है। ढाबा संचालित करने वाले विवादित रह चुके हैं, मीनाक्षी ढाबों पर अक्सर बाबू सिंधी देखा गया है। सूत्र बताते कि अवैध मदाक प्रदार्थो की तस्करी ढाबे से भी संचालित होती हैं.बड़े -बड़े तस्करों के साथ मिलकर ढाबा संचालक इस काम को बैखौफ होकर संचालित करता है। पूर्व में भी पत्रकार हत्याकांड में ढाबा संचालक का बेटा जेल जाकर आया है। फिर भी पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे ढाबों पर तस्करी और अवैध काम संचालित कर रहा है। अब मीनाक्षी ढाबे पर काले कारनामों की फाइल तैयार होकर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच सकती है.जहरीला शराब कांड होने के बाद पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आनन-फानन में उन लोगों के ढाबे तोड़ रहा है जहां अवैध शराब बेची व पिलाई जाती है। कार्रवाई बहुत अच्छी है, अवैध काम होना भी नहीं चाहिए, लेकिन टाट पल्ली वाले ढाबो को तोड़ दिया जाए और वृंदावन एवं पिपलिया मंडी के मीनाक्षी ढाबे को छोड़ दिया जाए तो इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करने की आवश्यकता नहीं खुद ब खुद खड़े हो जाते हैं। मीनाक्षी ढाबे पर अवैध शराब, जुआ, अपराधियों का आना जाना, इसी ढाबे पर बैठकर षड्यंत्र रचना जैसी गतिविधियां होती रही है। अभी कुछ ही दिन पहले यहां जुआ खेलते हुए लोगों को पकड़ा गया था। जब कार्रवाई हो रही है तो फिर ऐसे शातिर ढाबे वाले को क्यों छोड़ा जा रहा है अगर इन मजबूत पकड़ वालों को आपने बक्श दिया तो सवाल आप पर ही खड़े होंगे। तस्करों और गैंगस्टरो का इस ढाबे पर आना जाना था।

