ना बाप बड़ा ना भैया बाबू के आगे सबसे बड़ा रुपैया आने वाले समय में कहीं खरीद न ले सिस्टम 36 क्विंटल डोडा चूरा अब कर न दे बाबू का अंत
नीमच- अवैध मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त आरोपी मनीष तिवारी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मनीष तिवारी के रहवासी इलाके में स्थित सीटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोदाम पर मनासा पुलिस की दबिश के दौरान 36 किलो अवैध मादक पदार्थ डोडा चूरा व गाड़ियों की फर्जी नंबर प्लेट वाहन जप्त किए थे। जिसके बाद ईमानदार पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा के निर्देश पर एस आई टी टीम गठित की गई जिसमें जांबाज पुलिस अफसर राकेश मोहन शुक्ला टीम के मुख्य अधिकारी बने टीम ने गठित होते ही मनीष तिवारी के घर पर दबिश दी गई। जिसके बाद पुलिस की छान बीन के दौरान करोड़ों रुपए की संपत्ति और अवैध डोडा चूरा का लाखों का लेखा जोखा अपनी एक स्पेशल डायरी में बरामद हुआ जिसमें अपने गुरु का कोड,,जय,,का लिखा होना बताया जा रहा है। इस मामले में लिप्त एक आरोपी को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है।मगर अपने मालिक का वफादार होने के चलते उन ने सिर्फ एक माह में कितना माल तस्करी होता है। सिर्फ पुलिस को ये ही बताया है। आरोपी मनीष तिवारी अभी पुलिस की गिरफ्तारी से बहुत दूर है। ऐसे में बताया जा रहा है की इन सबका बॉस बाबू पूरे बंदोबस्त से मनीष को पेश करेगा जिससे वहां आसानी से कुछ समय जेल काट कर बाहर निकल आए,और पुलिस उसके रिमांड के दौरान नाम नहीं उगला सके। अगर इसके अलावा भी इस पूरे मामले की जांच कोई स्पेशल टीम करें तो कई चौंकाने वाले बड़े खुलासे हो सकते हैं।कम समय में प्रति माह की नौकरी करने वाला बाबू आज लाखों रुपए की लग्जरी कार और आलीशान बंगले अरबों रुपए की प्रॉपर्टी का मालिक कैसे बन बैठा हुआ है। बताया जा रहा है कि इसका शौक किसी नवाबों से कम नहीं है।एक दिन की कमाई बाबू की लाखों की गिनती में है। बाबू को बड़े बड़े तस्कर भी इसका सपोर्ट करते हैं।ईमानदार पुलिस अधीक्षक की सक्रियता के चलते पहली बार पुलिस को सफलता हाथ लगी है। जिसमें बाबू का जिंगरी दोस्त के गोदाम पर दबिश कर क्विंटलो से डोडा चूरा बरामद किया गया। बाबू ने अपने इस तस्करी के खेल में कई लोगों कि जिंदगी बर्बाद की है। अब इसका पाप का घड़ा भर चुका है। और इसकी फाइल तैयार होकर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है।36 क्विंटल डोडा चूरा का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि कब तक बाबू बचकर अपनी और अपनों की रक्षा कवच बनकर रक्षा करेगा। कहीं ईमानदार पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा इस मामले से जुड़े हुए तारों का बड़ा खुलासा नहीं कर दे।
सूत्र बताते हैं की मनीष तिवारी पर बाबू की खास कृपा है नीमच पुलिस से बचाने का सहयोग भी बाबू कर रहा है। मनीष तिवारी एक माह में बाबू को करोड़ों रुपए का फायदा देने वाली एक एटीएम मशीन था। इसके बचाव के लिए बाबू आड़ा हुआ है। बाबू का माल ये लोग ही ठिकाने लगवाते थे।और बाबू का मनीष के यहां खुलेआम आना जाना था। अगर आज से कुछ माह पहले के ही सीसीटीवी कैमरे खांखले जाएं तो नीमच से बाहर कुछ समय पहले ही तबादले के बाद गया हुआ पुलिसकार्मी बाबू की लग्जरी गाड़ी में बैठकर ग्वालटोली के आस पास घूम रहा था।आएं दिन वाहन गोदाम से गुजरता था। क्या बाबू सिर्फ देखने या सिर्फ मनीष तिवारी से गले मिलने आता था। यहां फिर चौकीदार करता था।सब फुटेज में पता चल जाएंगा।
क्या गोदाम पर नहीं थे सीसीटीवी कैमरे- इतनी भारी मात्रा में गोदाम से तस्करी की जाती थी।क्या गोदाम के बाहर सीसीटीवी कैमरे नही लगाएं गए थे। करोड़ों रुपए के आलिशान मकान में कोई बाबू का डायरी कोड के आलावा किसी प्रकार का कोई पुलिस को सुराग नहीं मिला। अगर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाले जाएं तो साफ तौर पर बाबू का नाम समाने आ सकता है।
अगर नीमच पुलिस बाबू की कॉल डिटेल्स निकाल कर छानबीन करे तो कई बड़े-बड़े तस्करों के नाम सामने आ सकते हैं। और पुलिस की गिरफ्त से दूर मनीष तिवारी को छत्रछाया देने वाले गुरु का भी पर्दाफाश हो सकता है।....ब्यूरो रिपोर्ट ब्रेकींग समाचार न्यूज

