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अवैध रेत माफियाओं के हौसले बुलंद नीमच का ,,जैन,, जीरन जिले के पार्टनर शामिल बीच में दलालों की भूमिका राजस्थान भीलवाड़ा बस्सी से अॉवरलोड होकर गांवो से होते हुए म.प्र सीमाओं में प्रवेश, खनिज विभाग कि अनदेखी बिना रॉयल्टी डंपर जिले मे प्रवेश करने को लेकर एक माह में दलालों को लाखों रुपए का लेन-देन प्रशासन के हाथ खाली

 



ब्यूरो रिपोर्ट ब्रेकिंग समाचार

नीमच - जिले में अब रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो चुके हैं। जो बिना रॉयल्टी से भी असनी से राजस्थान भीलवाड़ा बस्सी से गांवो में होते हुए मध्य प्रदेश की सीमा में आसानी से प्रवेश कर लेते हैं। प्रशासन की नाक के नीचे अवैध रेत से भरे अॉवरलोड डंपर पहले चडोल ढाणी,तुम्बा,बावल रामपुरा दरवाजा होते हुए तहसील जावद नगर की सीमाओं में प्रवेश करते हैं। जिसके बाद नीमच जिले में आसानी से रेत माफिया अपने काम को बखूबी से अंजाम देते हैं।नीमच जिले में इसका सौदागर ,,जैन,, है तो इसके दो साथ निभाने वाले पार्टनर जीरन और जिले में भी है।जो अवैध रूप की कमाई से अपना काला साम्राज्य खड़ा कर रखा है। खनिज विभाग भी अवैध रेत माफियाओ के खिलाफ मौन व्रत रख  बैठा है। पूर्व में भी डंपर पायलटों की वजह से कई बड़े बड़े हादसे हो चुके हैं। जिसके बाद भी रेत का अवैध डंपरों का काला कारोबार जमकर फल फूल रहा है। और अभी तक खनिज विभाग की कार्रवाई सिर्फ नाम मात्र ही रह गई है। यहां जैन जिले के बीचों बीच रहकर अपने काम को अंजाम देता है। सूत्रों की मानें तो कुछ सत्ता धारी नेताओं के चलते इस काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है।और प्रशासन दबाव में आकर कार्रवाई ना करने पर मजबूर पड़ा है। एक डंपर निकलवाने को लेकर मोटी रकम भी ,,जैन,, द्वारा दी जाती है। जिसका हिसाब किताब एक माह में होता है।जो लाखों रूपए का निकलता है,जो तारीखों पर दलालों के पास पहुंच जाता है। बीच का लाखों रूपए की काली कमाई बंदर बांट जैसे जैन और पार्टनरों में बांट जाती है। अब देखना यह होगा कब तक आखिर ये ,,जैन ,,अपने चमचों के साथ बंदर बांट का खेल खेलता रहेगा।या फिर प्रशासन इस पर नजर रख कर कोई ठोस कार्रवाई करेंगा। आगे की खबर के लिए बने रहे हमारे साथ

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