नीमच - राजस्थान बस्सी से अॉवरलोड होकर अवैध रेत का डंपर गांवो में होते हुए बिना रॉयल्टी से म.प्र की सीमा नीमच जिले में प्रवेश करता है।मगर यह सब इनकी तगड़ी सेटींग से होता है। जावद तहसील की एक ग्राम पंचायत ऐसी है जिसमें अवैध डंपर के खिलाफ आवाज उठाई गई मगर वहां के सरपंच से भी अशीष और पार्टनरों ने तगड़ी सेटींग जमा ली बात बैठक पर जम गई मगर फिर अशीष के दिल का चूर जाग उठा और प्रतिमाह देने वाली रकम सरपंच तक नहीं पहुंची जिसने वहां काफी नाराज हो गया। फिर भी ऊंचे स्तर पर अपनी पकड़ बनाने वाले आशीष ने अवैध डंपरों की आवक जावक खुलेआम करता है।इसको कोई रोक-टोक करने वाला नही है। आशीष के पार्टनर भी जिले में ठेके लेकर बड़े स्तर पर अपना दो नंबर का माल सप्लाई करते हैं। आशीष डंपरों के आगे अपनी कार से ध्यान रखकर पायलेटींग करता है तो इसके चम्मच लोगों को खरीदने का काम करते हैं। तगड़ी सेटींग होने की वजह से खनिज विभाग भी खामोश पड़ा हुआ है। अगर विभाग द्वारा कार्रवाई छेड़ी जाती है तो छुटपूट ट्रैक्टर ट्राली चालकों पर बड़ी मछलियों पर तो विभाग ध्यान ही नही देना चाहता। तेज रफ्तार में अवैध रेत डंपर चालकों की वजह से पहले भी कही बड़ी घटनाएं घटित हो चुकी है।मगर पक्के लाइंसेंस धारिक होने से लोगों की जान की परवाह भी पायलट नहीं करते अशीष ने अपनी काली कमाई से अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया है।और तहसीलों में भी अपनी अवैध रेत डंपर भेज रहा है।जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल को इस और ध्यान देकर संपत्ति और इनके काली करतूत को निष्पक्ष जांच कर सामने लाना चाहिए। जिससे अवैध माफियाओं का पर्दाफाश हो सके।
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