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नीमच वार्ड नंबर 19 मुलचंद मार्ग में मोबाइल टॉवर बढ़ा रहा बिमारियों का नेटवर्क, फैला रहे रेडिएशन रहवासी इलाके में टॉवर भूरा कुरैशी ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत जल्द हो निराकरण की मांग

 



रिपोर्ट इमरान खान

नीमच @नियम-कानून ताक पर रख लगाए गए वार्ड नंबर 19 मुलचंद मार्ग रोड़ किनारे टावर दे रहा बीमारियां मोबाइल टावर होने की वजह से रहवासियों ने विरोध शुरू कर दिया। रहवासियों का कहना था कि जीडीए बिना जांच पड़ताल के घनी आबादी वाले एरिया में मोबाइल टावर लगाने की परमिशन दे देता है। टावर की लोकेशन के आसपास सरकारी स्कूल है। जिससे रेडिएशन का असर बच्चों पर पड़ने का खतरा है।धरना-प्रदर्शन के बाद जीडीए ने टावर का इंस्टालेशन कैंसिल कर दिया। वहीं टॉवर की शिकायत रहवासीयों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी की है।जिसका शिकायत नंबर पंजीयन क्रमांक 14050713 भूरा कुरेशी द्वारा दर्ज है।मोबाइल टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स कैंसर का कारण बनती हैं। इस रेडिएशन से जानवरों पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि जिस एरिया में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है, वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। एंटेना के सामनेवाले हिस्से में सबसे ज्यादा तरंगें निकलती हैं। जाहिर है, सामने की ओर ही नुकसान भी ज्यादा होता है। मोबाइल टावर से होने वाले नुकसान में यह बात भी अहमियत रखती है कि घर टावर पर लगे ऐंटेना के सामने है या पीछे। टावर के एक मीटर के एरिया में 100 गुना ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटेना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।

रेडिएशन से ये होते हैं नुकसान

- थकान

- न अनिद्रा

- डिप्रेशन

- ध्यान भंग

- चिड़चिड़ापन

- चक्कर आना

- याद्दाश्त कमजोर होना

- सिरदर्द

- दिल की धड़कन बढ़ता

- पाचन क्रिया पर असर

- कैंसर का खतरा बढ़ जाना

- ब्रेन ट्यूमर

टावर लगाने के ये हैं नियम छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है।पांच मीटर से कम चौड़ी गलियों में टावर नहीं लगेगा।एक टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होगा।टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए।जिस जगह पर टावर लगाया जाता है, वह प्लाट खाली होना चाहिए।उससे निकलने वाली रेडिएशन की रेंज कम होनी चाहिए।कम आबादी में जिस बिल्डिंग पर टावर लगाया जाता है, वह कम से कम पांच-छह मंजिला होनी चाहिए।टावर के लिए रखा गया जेनरेटर बंद बॉडी का होना चाहिए, जिससे कि शोर न हो,जिस बिल्डिंग की छत पर टावर लगाया जाता है, वह कंडम नहीं होनी चाहिए,दो एंटीना वाले टावर के सामने घर की दूरी 35 और बारह एंटीना वाले की 75 मीटर जरूरी है,मोबाइल कंपनियों को अभी लगे टावरों से उत्सर्जित विकिरण को 90 फीसद तक कम करना होगा,निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पर 5 लाख रुपए प्रति टावर जुर्माना है, जानकारी के अनुसार आंकड़े 2010 में डब्ल्यूएचओ की एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि मोबाइल रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा है। वहीं अभी हाल में चल रही घातक महामारी कोरोना वायरस के बीच 5 जी नेटवर्क टॉवर की अॉडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिससे लोगों में भी रहवासी इलाकों में टॉवरो को लेकर भव्य का माहौल है।हालात यहां है कि चंद रूपयों के खातिर कानून ताक में रखकर अपने मकान पर मुलचंद मार्ग में टॉवर खड़ा कर दिया। जहां आस पास के रहवासियों में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। टॉवर भी बिल्डिंग किनारे लगाया गया है।जो कभी भी बड़ी जानहानि कर सकता है।

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