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सोशल मीडिया पर खनिज विभाग के कुछ एक अधिकारी की सेटलमेंट की वीडियो वायरल, फिर विभाग ने लिया एक्शन,खनिज विभाग में सबसे भ्रष्ट इंस्पेक्टर गजेन्द्र डाबर कॉल डिटेल्स में हो सकता है बड़ा खुलासा




नीमच - खनिज विभाग में रेत माफियाओं का सेटलमेंट एक आम बात है। राजस्थान से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने को लेकर रेत माफिया पहले खनिज विभाग को सेट करते हैं.विभाग के वरिष्ठ आला अधिकारी भी निचले स्तर के सिपाहियों और दलालों द्वारा सेट होते हैं.जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो द्वारा इसकी पोल खुली गई। जिसके बाद विभागीय एक्शन सिर्फ नाम मात्र ही रहा सबसे बड़े भ्रष्ट इंस्पेक्टर गजेन्द्र डाबर को साफ तौर पर निकाल दिया गया। क्योंकि बरसों से खनिज विभाग में पदस्थ गजेन्द्र की पहचान बड़े- बड़े रेत माफियाओं से लेकर माइनिंग वालों से है। जिसकी वहज से विभाग द्वारा इंस्पेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। मध्यप्रदेश प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट विभाग में अपनी दो टूक भाषा में भ्रष्ट अधिकारियों पर समाचार मिलते ही एक्शन लेने की बात कही है। नहीं तो खुद एक्शन लेने को भी कहां है साथ ही जिस विभाग द्वारा समाचार प्रकाशित किया गया है। उस समाचार पर निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खनिज इंस्पेक्टर गजेन्द्र सिंह डाबर रेत माफियाओं से उन्हें बचाने के लिए मोटी रकम वसूलता है।साथ ही माफियाओं को विभागीय गाड़ी निकलने की पहले ही अपडेट देता है।और बोल देता है हमारी गाड़ी आई तो हमें कार्रवाई करना पड़ जाएंगी। जिससे माफिया पहले ही सतर्क हो जाते हैं‌। यहां पूरा मामला खनिज इंस्पेक्टर गजेन्द्र सिंह डाबर व्हाट्सएप कॉलिंग पर रेत माफियाओं को जानकारी देता है। अगर इसकी व्हाट्सएप कॉलिंग की डिटेल्स निकाली जाए तो कई चौंकाने वाला खुलासा सामने आ सकते हैं। यहां सिर्फ सालों में इक्का दुक्का कार्रवाई कर अपनी वह वही लूटता है। और बड़ी मछलियों से पैसे ऐंठ ने का काम करता है।अब देखना यह होगा कब तक विभागीय जांच ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर बैठती है। यहां फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बातें सिर्फ कागजों में अटका दी जाएंगी।

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