रतलाम-जिले की जावरा तहसील में आबकारी विभाग के अधिकारी नियम कानून को ताक में रखकर सरकारी खजाना भरने में लगे हैं।फिर चाहे किसी की धार्मिक भावनाओं आहत हों यह बच्चों और युवकों के मन पर विपरीत असर पड़े। विभाग के अधिकारियों को ना तो मंदिर- मस्जिदों की परवाह है, नही अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों की अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेका लेने वालों ने जहां चाहे अपनी मनमर्जी से ठेका खोल दिया है,ऐसा ही दृष्ट रतलाम जिले के जावरा तहसील में देखने को मिला है, जहां पर ठेकेदार धर्मेंद्र द्वारा अपनी दबंगई से जिस जगह मेडिकल होना चाहिए वहां पर दारू का ठेका खोल लिया है, जहां थोड़ी सी दूरी पर मंदिर मस्जिद,और रहवासी इलाके हैं। शराब की दुकान के पीछे सिनेमा हॉल है जहां पर महिलाओं से लेकर पुरुष बच्चे फिल्म देखने जाते हैं। वहीं नाशे में धूत नशेड़ियों द्वारा टॉकीज के बाहर ही जाम से जाम छलकते हुए दिखाई देते हैं। और लड़ाई झगड़ा महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करते हैं। जिसकी कई बार अधिकारियों को शिकायत भी की गई। बावजूद विभाग द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। विगत कुछ माह पहले धर्मेंद्र की एक छोटी सी ठेके की दुकान थी। आज वहां रतलामी गेट के समीप सरकारी अस्पताल के पास बड़ी कर जहरीली शराब की बिक्री कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है, शराब ठेकेदार धर्मेंद्र की दुकानों पर जहरीली और मिलावटी शराब की बिक्री होती है।जो लोगों के लिए जानलेवा है। (ठेकेदार धर्मेंद्र) शराब में एक्स्ट्रा नेचुरल अल्कोहल का ज्यादा मात्रा में प्रयोग किया जाता है। जिसकी वजह से कई लोगों ने अपनी जान गवा दी है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने शराब माफियाओं के खिलाफ अपना खास फरमान जारी किए हुए हैं। बावजूद आबकारी विभाग ठेकेदार धर्मेंद्र की सांठगांठ से खुलेआम जहरीली शराब की बिक्री दुकानों पर करवा रहा है। अगर लेब में शराब की जांच हो तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।जावरा तहसील में धर्मेंद्र की दबंगई कब कुछ इस तरह आलम है कि शिकायतों के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। सरकारी अस्पताल के बाहर ही नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है।अब देखना यहां होगा कब तक विभागीय अधिकारी इस और ध्यान देते हुए निष्पक्ष कार्रवाई करते हैं। यहां फिर धर्मेंद्र की गुंडागर्दी अपने चरम पर रहेगी।

