नीमच हायर सेकंडरी स्कूल क्रमांक 2 के गेट के पास चूहा छोड़ने की बात को लेकर पांच वर्ष पहले एक विवाद हुआ था । इसमें तीन भाईयों ने मिलकर फरियादी के साथ मारपीट कर हाथ की अंगुली तोड़ दी थी । इस मामले में एक आरोपी की मृत्यु होने पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दो भाईयों को तीन - तीन वर्ष के कारावास की सजा व 500-500 रुपए जुर्माने से दंडित किया । प्रकरण की पैरवी कर रहे एडीपीओ रितेश कुमार सोमपुरा ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व 28 जुलाई 2017 को दोपहर 12 बजे फरियादी दिलीप चौहान राजश्री सेनेटरी नूतन स्कूल रोड की दुकान पर नौकरी करता था । दुकान में पिंजरे में चूहा आने पर उसे हायर सेकंडरी स्कूल क्रमांक 2 के गेट के पास छोड़कर जा रहा था तभी पास की दुकान संचालक आरोपी राजेश कुमार , सुरेश कुमार व ब्रजेश कुमार और दुकान के पास चूहा बात पर फरियादी के साथ मारपीट की जिससे फरियादी के बाएं हाथ की अंगुली में फैक्चर हो गया था । फरियादी की रिपोर्ट पर कैंट पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया । अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया । विचारण के दौरान ब्रजेश दरवानी की मृत्यु हो गई । शेष दो आरोपी के विरूद्ध विचारण न्यायालय में चला । अभियोजन अधिकारी ने आवश्यक साक्षियों के कथन करवाए । इससे सहमत होकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या मरावी ने दोनों आरोपी भाईयों को उपरोक्त सजा से दंडित किया ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि सुरेश राजेश दरवानी दोनों ने अपने सगे रिश्तेदारों को भी नहीं बख्शा। दुकान हड़कने से लेकर गुंडे तत्वों के ऊपर मारपीट जैसे आरोप भी न्यायालय में दाख़िल। बताया जाता है कि दरवानी परिवार के लिए लाडले आए दिन लोगों के साथ गाली गलौज गुंडागर्दी से लोगों की जमीन हड़पना और अपना चेक रखकर लोगों को टोपी पहनाने के अवैध क्रियाकलाप को अंजाम देते हैं। जिनसे काफी से लोग प्रताड़ित है। यह लोग अपनी पूरी समाज के लिए कलंकित करने का हमेशा प्रयास करते हैं। अब न्यायालय ने गुंडे तत्वों को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाते हुए सलाखों के पीछे धकेला है। अब देखना यह होगा कब तक समाज को कालंकित करने वाले यह अपराधिक किस्म के लोगों के ऊपर क्या निर्णय लेती है। बताया जा रहा है कि आगे भी इन दोनों भाईयों का भविष्य खराब है और आगे एक एक पर्ते खुलने के बाद सलाखों के आगे भी चार दीवारों के बीच रहना पड़ेगा। दरवानी परिवार के दोनों अपराधिक किस्म के भाइयों ने लोगों के साथ खूब धोखाधड़ी की है जिसका हर्जना आज उन्हें भुगतना पड़ा, कहते हैं ऊपर वाले के देर है अंधेर नहीं। अगर कोई भी व्यक्ति इन लोगों से प्रताड़ित है ,तो आगे आएं।

