नीमच- इन दिनों राजनिति रसूख के चलते शहर के प्रमुख दशहरा मैदान में बेशकीमती जमीन पर ढाबे संचालित करने वालों ने बैखोफ होकर अतिक्रमण कर रहे हैं। मगर स्थानीय प्रशासन देख कर भी अनदेखा करने में लगा पड़ा हुआ है, विगत कुछ दिनों पहले ही नवागत चित्रांश फ्रूट फेस्टिवल के नाम से दशहरा मैदान में ढाबा संचालित हुआ जिसको देखते हुए शहर की बेशकीमती जमीन अब दो कौड़ी की दिखाई देने लगी है। मानो खेल का मैदान अब दारूडियो का और अय्याशी का अड्डा बन चुका हो एक के बाद एक नई नवेले ढाबों की लाइनें लंबी होती जा रही है।और अतिक्रमण भी अपनी चरम पर दिखाई देने लगा है। नीमच जिले में जनप्रतिनिधि शहर को सुंदर दिखाने के लाख बड़े दावे कर ले मगर सब दावों की पोल दशहरा मैदान में खुलती हुई दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि जिले में खेल कूद, रावण दहन, और अन्य प्रतियोगता के लिए दूर दराज से लोग मैदान में आते हैं।और आयोजित प्रतियोगिता का आनंद लेते हैं।मगर अब हालात बदल हो चुके हैं। दशहरा मैदान अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने पर मजबूर है। शहर के मैदान सीएमओ सीपी राय की मेहरबानी जाता रहा है।जिला कलेक्टर ने भी स्वंय सीएम हेल्पलाइन की शिकायत का निराकरण का जिम्मा लिया हुआ है, बावजूद करीब 12 दिन बाद भी शिकायत का निराकरण देखने को नहीं मिला, अगर किसी गरीब व्यक्ति कहीं कब्जा जमकर छोटा मोटा व्यवसाय करता है तो मानो उसने कोई गुनाह किया हो नगरपालिका भी अपना तामझाम लेकर तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार रहती है। और हेल्प लाइन शिकायत का हवाला देकर गरीब की व्यवसाय की जगह हटा दी जाती है।जो एक बात साफ दर्शाता है। सीएमओ गरीबों पर पहलावन और बेशकीमती जमीन अतिक्रमण करने वाले ढाबा संचालकों पर मेहरबान तो गुलाबी नोटों की सीपी रॉय पर खास कृपा अब देखना यहां होगा आखिर कब तक प्रशासन हरकत में आते हुए कार्रवाई करेगा। यहां फिर दशहरा मैदान दारूडियो व असामाजिक तत्वों का अड्डा बना रहेगा।

