रेडक्रॉस सोसायटी भवन में प्रत्येक सोमवार को लगने वाले शिविर में विकलांग व्यक्तियों की सुनवाई नहीं
नीमच। विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए शासन ने कई योजनाएं संचालित कर रखी है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर बेहरत जीवन यापन कर सके, लेकिन नीमच जिले में विकलांग व्यक्ति दर दर भटक रहे है। योजनाओं का फायदा लेने के लिए प्रमाण पत्र का होना आवश्यक है, पर प्रमाण पत्र लेने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड रहा है। सोमवार को जिला अस्पताल के समीप रेडक्रॉस भवन परिसर में विकलांगों के लिए शिविर का आयोजन हुआ, शिविर में डॉक्टर गांधी आए, लेकिन विकलांगों की सुनवाई करने की बजाय वे एक कमरे में जाकर बैठे रहे। प्रमाण पत्र सहित अन्य जांच के लिए आए विकलांग व्यक्तियों को दे
खा तक नहीं। ग्राम हर्कियाखाल से आए विजयकुमार गुर्जर ने बताया कि रेडक्रॉस भवन में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। डॉक्टर भोपाल जाने की सलाह दे रहे है। इसी तरह जावद तहसील के ग्राम लक्ष्मीपुरा दडौली से शैतानसिंह पिता जगदीश बंजारा उम्र 19 वर्ष विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आया था, लेकिन डॉक्टर गांधी ने यह कहकर मना कर दिया कि यह विकलांग नहीं है, जबकि शैतान 80 फीसदी से ज्यादा विकलांग है, पूर्व में साईकिल भी मिली थी। शैतान के माता पिता का देहांत हो चुका है, वह अनाथ हो गया है। पंचायत कर्मचारी ने प्रमाण पत्र के लिए कहा गया था, पर डॉक्टर द्वारा प्रमाण पत्र नहीं दे रहे है। बाबूलाल खींची दडौली ने बताया कि विकलांग व्यक्तियों की सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। इस मामले में कलेक्टर को ध्यान देकर संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही की जाना चाहिए।
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विकलांगों को नहीं मिल रहा है समुचित उपचार
जिले में विकलांग व्यक्तियों को समुचित उपचार के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित कर रखी है, नीमच जिले में विकलांग व्यक्तियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिला अस्पताल में नियुक्त् डॉक्टर सिर्फ रस्म अदायगी कर डयूटी कर रहे है।
प्रेषक
बाबूलाल खींची, दडौली
मो 8817066520

