नीमच। कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी के साथ मिलकर एमपी पुलिस का आरक्षक पंकज कुमावत कई सालों से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त था। कुछ माह की ढील के बाद सीबीएन ने निलंबित आरक्षक पंकज कुमावत को गिरफ्तार किया है। आरोपी पंकज कुमावत से सख्ती से पूछताछ जारी है। नीमच, मंदसौर और राजस्थान के कई इलाकों में बाबू और पंकज से तस्कर, व्यापारी और पुलिसकर्मी जुडे हुए है, जिनके नाम सामने आ गए है। जल्द ही ये सलाखों के पीछे जाने वाले है। सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी सीवीसी(केंद्रीय सर्तकता आयोग) की निगरानी में मालवा के सबसे बडे मादक माफिया बाबू और पंकज गिरोह की जांच पडताल चल रही है। इनसे जुडे हुए एक भी व्यक्ति नहीं बचेंगे।
उल्लेखनीय है कि सीबीएन ने 27 अगस्त 2021 को औद्वोगिक क्षेत्र नीमच में दबिश देकर तस्कर बाबू सिंधी के गोदाम से करीब 250 क्विंटल डोडाचूरा,अफीम कालादाना, धोलापाली जब्त कर बाबू को मौके से गिरफ्तार किया था। इस गिरोह को खडा करने में पूर्व में नीमच में पदस्थ रहे आरक्षक पंकज कुमावत का अहम रोल था। बाबू की गिरफ्तारी के बाद से ही देवास से गायब हो गया और देवास एसपी ने उसे निलंबित कर दिया था। पंकज कुमावत पुलिस की आड में कुख्यात तस्कर बन गया था। वह बचने के लिए पुलिस की वर्दी पहन लेता था और पूरे गिरोह का संचालन बाबू के साथ मिलकर कर रहा था। तीन वर्षों से लगातार तस्करी की गतिविधियों में लिप्त रहा। 11 जुलाई तक आरक्षक पंकज सीबीएन की रिमांड पर है, अब तक पूछताछ में कई राज पंकज ने उगले है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंकज और बाबू दोनों मिलकर गिरोह चलाते थे। गिरोह में कई तस्कर, पुलिसकर्मी और व्यापारी भी शामिल थे जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इनकी मदद करते थे। नीमच सिटी थाने में रहते हुए पंकज ने बडे अधिकारियों से अच्छी पकड कर ली थी और उसी का फायदा उठाते हुए पंकज मादक पदार्थों की तस्करी करता था और मौटी रकम भेंट के रूप में अफसरों तक पंकज पहुंचाता था, यही कारण था कि पंकज और बाबू की गतिविधियों की तरफ किसी भी थाने की पुलिस देखती तक नहीं और ये बैखोफ होकर मादक पदार्थां की तस्करी करते थे। मादक पदार्थों की तस्करी से होने वाली काली कमाई से तस्कर पंकज ने करोडों की संपत्ति खरीदी, इसमें कुछ बाबू के साथ वाली प्रापर्टी शामिल है।
कुख्यात तस्कर बाबू और पंकज से जुडे हुए व्यक्तियों की ये है लिस्ट, जिनका जल्द आने वाला है नंबर, कई हो गए है भूमिगत—
महिपाल गुर्जर नारायणगढ— मंदसौर जिले के नारायणगढ का रहने वाला महिपाल गुर्जर बाबू और पंकज दोनों का ही साथी रहा है। महिपाल नारायणगढ, बूढा क्षेत्र से मादक पदार्थों की गाडिया भरवाता था। बाबू के जन्म दिवस पर जिस 12 बोर बंदूक से केक काटा था,वह महिपाल गुर्जर की थी, वीडियो वायरल होने के बाद महिपाल को आरोपी बनाया था। पूछताछ में तस्कर पंकज ने महिपाल गुर्जर का नाम भी उगला है।
विनोद गुर्जर और शिवचरण गुर्जर झालरी—मेलकी— नीमच सिटी थाना क्षेत्र के विनोद गुर्जर और शिवचरण गुर्जर रहने वाले है। बाबू, पंकज दोनो के ये लेफ्ट हेंड थे। विनोद गुर्जर और शिवचरण गुर्जर अभी गायब हो गए है। सीबीएन को इनकी भी तलाश है।
सौरभ कोचटटा— प्रापर्टी दलाल की आड में सौरभ कोचटटा बाबू के दो नंबर के पैसों को एक नंबर में तब्दिल करने के लिए काम करने के साथ ही वह मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त था। बाबू के साथ—साथ तस्कर पंकज के साथ संलिप्तता के कई सबूत मिले है, सौरभ कोचटटा भी कई माह से भूमिगत है।
दीपक सिंहल चिकना— दीपक सिंहल चिकना बाबू का खास बताया जाता है। बाबू के साथ मिलकर दीपक अग्रवाल चिकने ने करोडों की संपत्ति बनाई। बाबू के बर्थडे पर दीपक चिकने ने भी नोट उडाए थे। 21 क्विंटल डोडाचूरा के मामले में हरियाणा सोनीपत में करीब दो साल तक दीपक चिकना जेल में रह चुका है और बाबू के संपर्क में आने के बाद दीपक सिंहल चिकना ने करोडों रूपए अर्जित किए। वह भैरवगढ जेल में भी बाबू से कई बार मिलने गया था।
विशाल नरवले— विशाल नरवले पहले पुलिस में था, किसी कारणों की वजह से पुलिस से हटा दिया है। विशाल नरवले और पंकज दोनों काफी नजदीक थे फरारी के दौरान विशाल नरवले के संपर्क में पंकज लगातार था। बताया जा रहा है कि इस गिरोह में विशाल नरवले भी था। विशाल नरवले को भी सीबीएन उठा सकती है।
बंटी आंजना केसूंदा— बंटी आंजना केसूंदा का नाम भी बाबू गिरोह से जुडा होने की बात सामने आई है। निलंबित आरक्षक पंकज कुमावत का बंटी आंजना साथी रहा है। बंटी आंजना मादक पदार्थो की तस्करी में आरोपी रह चुका है और बंटी आंजना का बाहरी प्रदेशों के तस्करों से संपर्क है। पंकज कुमावत ने कई बार बंटी आंजना को बचाया था। आरोपी पंकज कुमावत और बंटी आंजना की लगातार बातचीत के सबूत मिले है।

